“अरविन्द केजरीवाल का राजनैतिक भविष्य” पर मेरी भविष्यवाणी- GT 446

“अरविन्द केजरीवाल का राजनैतिक भविष्य” पर मेरी भविष्यवाणी-

९          मेरे एक मित्र अर्पित अनाम जी हैं। आप हरियाणा के अंबाला के रहने वाले हैं। हम लोग 30 वर्ष पहले जब संविधान मंथन और देश के प्रस्तावित संविधान का प्रारूप तैयार कर रहे थे उसमें भी अर्पित जी की बहुत अच्छी भूमिका रही है। हम लोग प्रतिदिन रात 8:00 बजे से 9:00 बजे तक ज़ूम पर बैठकर जिन विषयों पर चर्चा करते हैं उसमें भी वे कई बार सम्मिलित होते हैं। उनकी एक विशेषता है कि वह बोलते बहुत कम है और समझते बहुत अधिक हैं। मैं पुरानी ग्रामीण परिपाटी का होने के कारण पुराना इतिहास सुरक्षित नहीं रख पाता। अपने जीवन के किसी भी फोटोग्राफ या लिखा हुआ साहित्य अपवाद स्वरूप ही सुरक्षित मिलता है लेकिन अर्पित अनाम इस प्रकार की ऐतिहासिक घटनाओं को सुरक्षित रखते हैं। वर्तमान संदर्भ में अपनी पोस्ट पर उन्होंने 7 वर्ष पूर्व का लिखा हुआ मेरा लेख फिर से डाला है। मैं वह लेख फिर से आपको भेज रहा हूँ जिसमें आप अरविंद केजरीवाल के भविष्य का सही आकलन कर सके :-

बजरंग मुनि जी की 8 अप्रैल 2017 की पोस्ट :- अरविन्द केजरीवाल का राजनैतिक भविष्य

चार ही वर्ष बीते हैं जिसके पूर्व भारत की जनता अरविंद केजरीवाल को योग्य प्रधानमंत्री के रुप में देखने लगी थी। अन्ना हजारे सहित अनेक लोगों ने उन पर विश्वास किया। अन्ना जी को धोखा देने के बाद भी दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को ऐतिहासिक समर्थन दिया। एक डेढ़ वर्ष बीतते बीतते ऐसा लगने लगा कि अरविंद केजरीवाल का भविष्य पागलखाने की तरफ बढ़ रहा है और अब एक डेढ़ वर्ष और बीता है तो पागलखाने की जगह जेलखाने की चर्चाएँ शुरु हो गई हैं।

                 मैंने राजनीति में दो प्रकार के लोगों को देखा हैं- 1)वे जो गलत काम भी ऐसे कानून सम्मत तरीके से करते है कि वे हर प्रकार के आरोपों से मुक्त रहते हैं। 2)वे जो सही काम गैर कानूनी तरीके से करते हैं। ऐसे लोगों को समाज में सम्मान मिलता है भले ही वह काम गैर कानूनी ही क्यों न हो। केजरीवाल ने एक तीसरी लाइन पकड़ी जिसमें उन्होनें गलत कार्य गैर कानूनी तरीके से करना शुरु किया। शुंगलू कमेटी सहित अन्य अनेक कार्य उनकी इस कसौटी से अलग भी रखें तब भी इनका राम जेठमलानी को गुप्त रुप से चार करोड़ रुपया देने का प्रयास ऐसे संदेह के लिये पर्याप्त है कि उन्होने गलत कार्य गलत तरीके से किया।

                अरविन्द केजरीवाल का काम करने का तरीका साम्यवादियों से मिलता-जुलता है। साम्यवादी व्यक्तिगत जीवन में लगभग ईमानदार होते हैं किन्तु राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिये किसी भी सीमा तक गलत कर सकते हैं जिसमें हत्या या बलात्कार भी शामिल हो सकता है। पार्टी के लिये भ्रष्टाचार को तो ये लोग आमतौर पर  सही मानते हैं। अरविन्द जी ने जिस तरह राम जेठमलानी के नाम से इतनी बड़ी रकम निकालने की कोशिश की उसमें से जेठ मलानी जी को क्या देना था और पार्टी फंड कितना था यह अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है किन्तु राशि की बढ़ाई गई मात्रा और गुप्तता से संदेह तो होता है। धीरे-धीरे अरविन्द जी का राजनैतिक भविष्य साफ होता जा रहा है जिसके अनुसार वे प्रधानमंत्री की दौड़ से तो पूरी तरह बाहर हो गये हैं और यदि वे मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा कर सके तो स्पष्ट नहीं कि वे किस खाने की ओर जायेंगे ।

अरविन्द के प्रति की गयी मेरी भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हो रही है । लोग जानना चाहते हैं कि यह भविष्यवाणी किस आधार पर की गई थी । मैंने अपने मित्र के क्रियाकलापों में ऐसा क्या पाया जिसके आधार पर मैंने यह निष्कर्ष निकाला। मित्रों अरविंद केजरीवाल में टैलेंट बहुत है बहुत परिश्रमी है लक्ष्य बनाकर बहुत तेज गति से काम करते हैं यही सब देखकर मैंने सबसे पहले यह निष्कर्ष निकाला था कि यह आदमी व्यवस्था परिवर्तन कर सकता है लेकिन अरविंद केजरीवाल जल्दी ही व्यवस्था परिवर्तन को छोड़कर सत्ता परिवर्तन की दिशा में लग गए । तब मैंने अरविंद को सलाह दी कि अन्ना हजारे को छोड़ दो और प्रशांत भूषण वगैरा से भी मुक्ति पा जाना अच्छा है क्योंकि आप प्रधानमंत्री बनना चाहते हो और यह सब लोग आपकी प्रगति में बाधक बनेंगे । मैंने टैलेंट देखकर यह निर्णय किया था कि अरविंद में प्रधानमंत्री बनने की योग्यता है लेकिन जल्दी ही मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि अरविंद केजरीवाल में जितनी अधिक योग्यता है उससे कई गुना अधिक महत्वाकांक्षा भी है । मेरा यह अनुभव बताता है कि यदि कोई टैलेंटेड व्यक्ति अपनी क्षमता से अधिक महत्वाकांक्षी हो जाता है तो वह या तो पागल हो जाता है या आत्महत्या कर लेता है, उसके लिए और कोई तीसरा मार्ग नहीं दिखता। अरविंद केजरीवाल में जितना अधिक टैलेंट था उसकी तुलना में उनके अंदर महत्वाकांक्षा बहुत अधिक हो गई और वह जनता पर भरोसा ना करके अपने टैलेंट से प्रधानमंत्री बनने की जल्दबाजी करने लगे । इसके दो ही परिणाम होते हैं या तो पागल खाना और या आत्महत्या । अरविंद केजरीवाल उस प्रकार के राजनीतिज्ञ नहीं है जिस प्रकार के लालू यादव, मायावती या अन्य लोग हैं इसलिए अरविंद केजरीवाल भविष्य में किस दिशा में जाएंगे यह तो अभी नहीं बताया जा सकता लेकिन इतना निश्चित है कि अरविंद के जीवन के हितैषी लोगों को उन्हें उचित सलाह देनी चाहिए। मैं आपको यह भी स्पष्ट कर दूं कि 12 वर्ष पूर्व मैंने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर राहुल गांधी के राजनीतिक भविष्य के विषय में भी सलाह दी थी, आप उस चिट्ठी को पढ़कर भी यह स्पष्ट जान सकते हैं कि मेरी सलाह कितने प्रतिशत सही निकली।