हिन्दुत्त्व की मजबूती हो चुनावी मुद्दा : GT 446

हिन्दुत्त्व की मजबूती हो चुनावी मुद्दा :

१२        वर्तमान भारत में सबसे अधिक चर्चा चुनाव की हो रही है कल राजस्थान में नरेंद्र मोदी ने एक सभा में यह बात साफ की कि कांग्रेस पार्टी ने जो घोषणा पत्र प्रकाशित किया है वह मुस्लिम लीग की घोषणा पत्र सरीखा है। वह देश को विभाजित करने वाला है। दूसरी ओर कल ही राजस्थान में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने यह बात कही कि नरेंद्र मोदी राजस्थान में आकर कश्मीर के धारा 370 की चर्चा करते हैं, राजस्थान में कश्मीर की चर्चा का क्या औचित्य है। इन दोनों बातों से यह स्पष्ट होता है कि अगला चुनाव सीधा हिंदुत्व और इस्लाम के बीच लड़ा जा रहा है अब भ्रष्टाचार के मुद्दे भी पीछे छूट रहे हैं, सुशासन का मुद्दा भी छूट रहा है, सीधा-सीधा यह मामला सामने आ रहा है कि अब तो चुनाव हिंदुत्व और इस्लाम के बीच ही होना चाहिए। मुझे भी ऐसा लगता है कि भारत की सबसे बड़ी समस्या सांप्रदायिकता है सांप्रदायिकता ने ही पहले भी देश का विभाजन कराया सांप्रदायिकता फिर धीरे-धीरे विभाजन की दिशा में जा रही थी सांप्रदायिकता कश्मीर को देश से अलग करने का प्रयत्न कर रही थी। यदि देश में सांप्रदायिकता बढ़ती रही और सांप्रदायिकता का गठजोड़ राज्य से हो गया तो यह देश के लिए बहुत खतरनाक होगा। मुझे खुशी है कि नरेंद्र मोदी ने गांधी की दिशा में चलने का वचन दिया है स्पष्ट है कि गांधी सावरकर की दिशा के बिल्कुल विरुद्ध थे । सावरकर संगठित हिंदुत्व के पक्षधर थे और गांधी वैचारिक हिंदुत्व के। मेरे विचार से संघ भी अब धीरे-धीरे सावरकर की लाइन को छोड़कर गांधी की लाइन की दिशा में बढ़ता जा रहा है । भारत की जनता सब कुछ अच्छी तरह देखकर यह महसूस कर रही है कि भारत को हिंदुत्व के माध्यम से दुनिया के सामने अपने अपनी विचारधारा प्रस्तुत करनी चाहिए। मैं यह भी देख रहा हूं कि दुनिया के अनेक देश हिंदुत्व के मजबूत होने से चिंतित दिख रहे हैं । अमेरिका भी कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल के प्रति चिंता व्यक्त कर चुका है, पाकिस्तान तो अपना प्रयत्न कर ही रहा है लेकिन चीन से भी खबरें आ रही हैं कि वह कुछ एआई तकनीक के माध्यम से चुनाव को प्रभावित करना चाहता है। दुनिया की अनेक ताकतें मुस्लिम समर्थक विपक्ष को शक्ति देने की तैयारी कर रही है लेकिन मुझे यह विश्वास हो रहा है कि भारत का हिंदुत्व अब जाग गया है भारत का हिंदुत्व अब दुनिया को ठीक दिशा दिखाने के लिए आगे आने के लिए तैयार हो गया है और अगला चुनाव इस दिशा में यह साफ कर देगा कि भारत का हिंदुत्व सारी दुनिया का मार्गदर्शन देने के लिए कितना मजबूत है।