विदेशी धरती पर भारतीय अपराधियों की हत्या पर खेल: GT 446

विदेशी धरती पर भारतीय अपराधियों की हत्या पर खेल:

१३        कल समाचार पत्रों में एक ही विचार दो प्रकार से दो अलग-अलग लोगों ने प्रस्तुत किए। वर्तमान समय में चुनाव चल रहे हैं और ऐसे संवेदनशील समय में इस प्रकार के विचार प्रस्तुत करने का अलग-अलग उद्देश्य क्या है यह समझ में नहीं आ रहा है। कल ही प्रसिद्ध समाचार निर्माता बी.बी.सी. ने एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसके अनुसार पाकिस्तान में जो भारतीय आतंकवादी छुपकर मारे जा रहे हैं उसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ है। क्योंकि इस प्रकार का गुप्त कार्य करने की जिम्मेदारी रॉ संभालता है और यह विभाग नरेंद्र मोदी ने अपने पास रखा हुआ है। बी.बी.सी. के अनुसार यह संभव ही नहीं है कि बिना किसी विदेशी आश्वासन या मदद के पाकिस्तान या किसी अन्य देश में इतनी बड़ी संख्या में आतंकवादियों को मार दिया जाए। दूसरी ओर कल ही नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी सभा में यह कहा कि भारत अब पहले वाला देश नहीं है। अब भारत जरूरत पड़ने पर अपनी सुरक्षा के लिए दूसरे देश में घुसकर मारना भी जानता है। अब भारत सुरक्षा के लिए आक्रमण भी करने के लिए तैयार हैं। विचारणीय प्रश्न यह है कि ठीक चुनाव के समय बी.बी.सी. ने यह रिपोर्ट क्यों प्रकाशित की। बी.बी.सी. भी यह बात अच्छी तरह जानता होगा कि इस प्रकार के रिपोर्ट से वर्तमान चुनावों में नरेंद्र मोदी का नुकसान कम और फायदा अधिक होगा, फिर भी उसने यह रिपोर्ट प्रकाशित की। जिसके बदले में नरेंद्र मोदी ने नपे तुले शब्दों में इस रिपोर्ट का लाभ उठाने की कोशिश की। वैसे तो यह बात साफ नहीं है कि बी.बी.सी. के रिपोर्ट में किसी प्रकार की सच्चाई है लेकिन यदि किसी प्रकार की सच्चाई भी हो तो इसके लिए हम भारत सरकार को कटघरे में नहीं खड़ा कर सकते। क्योंकि पाकिस्तान पचासों वर्ष से अपने आतंकवादियों को भारत में भेजकर यहां के शांतिप्रिय लोगों की हत्याएं कराता रहा है और ऐसे हत्यारों को पाकिस्तान शरण देता रहा है। स्वाभाविक है कि पाकिस्तान का ही कोई गुट पाकिस्तान सरकार को ब्लैकमेल करने के लिए इस प्रकार की हत्याएं कराता हो और बी.बी.सी. इसको आधार बनाकर भारत को बदनाम करना चाहता हो। सच्चाई चाहे जो भी हो अपराधी चाहे आपसी संघर्ष में मरते हो या किसी ईश्वरीय व्यवस्था में मरते हो लेकिन उनके मरने या मारे जाने से नरेंद्र मोदी का राजनैतिक ग्राफ बढ़ता हो तो मैं इससे खुश हूँ।