एक बात तो साफ हो गई है की राहुल गांधी पूरी तरह ना समझ है उसमें बहुत बचकाना आदते हैं
एक बात तो साफ हो गई है की राहुल गांधी पूरी तरह ना समझ है उसमें बहुत बचकाना आदते हैं जबकि विपक्ष में अन्य कई लोग राहुल गांधी की तुलना में कई गुना अधिक चालाक या धूर्त माने जाते हैं। ऐसे ही धूर्त लोगों में ममता बनर्जी का भी नाम आता है। ऐसे ही लोगों में तमिलनाडु और महाराष्ट्र के भी अनेक नेता शामिल है। धीरे-धीरे ऐसे लोगों में दिल्ली और बिहार के भी नाम शामिल हो रहे हैं। अब आप विचार करिए की ममता बनर्जी ने यह मांग की है कि देशभर के बंगाल के बंगाली भाषियों को बंगाल लौट जाना चाहिए। बंगाल बंगालियों को प्राथमिकता देता है हम बांग्ला भाषा को देश की भाषा भी बनाएंगे और बंगाल की भाषा तो रहेगी ही। अब मैं इस बात को नहीं समझा कि राहुल गांधी का इस संबंध में क्या विचार है। क्या देश के बंगालियों को बंगाल लौट जाना चाहिए क्या राहुल गांधी इस बात से सहमत हैं क्या ममता बनर्जी इस आवाज को खतरनाक नहीं देख रही हैं। ठाकरे परिवार भी धीरे-धीरे इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है तमिलनाडु भी लगातार यही कार्य कर रहा है क्या भाषा के नाम पर या जाति के नाम पर सारे देश को टुकड़े-टुकड़े कर दिया जाएगा और यह बात भी गंभीर है की क्या राहुल गांधी जो जातीय जनगणना करा रहे हैं उस जनगणना का भी यही उद्देश्य है कि सारा देश जाति भाषा और क्षेत्रीयता के नाम पर आपस में मरने कटने लग जाए और यह नेता लोगों की दुकानदारी और लंबी चलती रहे। मैं समझता हूं की सभी देशभक्तों को अब सामने आकर ममता बनर्जी की इस प्रकार की गंदी मांग का खुलकर विरोध करना चाहिए। बंगालियों मैराथन या तमिलों से किसी प्रकार का ना कोई भेद है ना कोई कष्ट है ना हम इस प्रकार के भेदभाव के पक्षधर है लेकिन यह आवश्यक है की बंगाल महाराष्ट्र और तमिलनाडु की जनता इस प्रकार भाषा जाति क्षेत्रीयता के स्वार्थ के माध्यम से राजनीति करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दे। मैं पूरे भारत के आम नागरिकों से यह निवेदन करता हूं कि वह राहुल गांधी की भी इस तरह की योजना का पूरे देश भर में जवाब दें। देश भर में रहने वाले बंगाली बंगाल लौट जाए यह बात अत्यधिक खतरनाक है। मैं ममता बनर्जी की इस मांग का खुला विरोध करता हूं।
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