रामानुजगंज एक आवाज : नरेन्द्र रघुनाथ सिंह

ठहराव और गति जीवन के दो पहलू हैं। यह स्थिति बयान करती है कि कब का ठहराव गति की तरह होता है और कब का गति ठहराव से बदतर। जीवन में जो व्यक्ति यथार्थ के इस पहलू का विश्लेषण कर लेता है, वह समाज के लिए मार्गदर्शन बन जाता है। प्रस्तुत पुस्तक में जो कहानी प्रस्तुत है वह ऐसे ही एक व्यक्ति की जीवन शैली को स्पष्ट करती है। इस कहानी को एक व्यक्ति ने वास्तव में जिया है, मैंने तो आप लोगों के सामने इसे कहानी के रूप में प्रस्तुत भर किया है।