भारत का विपक्ष मुसलमान का पक्षपात करते-करते पूरी तरह से बेनकाब हो गया है।

भारत का विपक्ष मुसलमान का पक्षपात करते-करते पूरी तरह से बेनकाब हो गया है। अभी विपक्ष ने एक स्वर से यह आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या बढ़ाकर बहुत गलत किया है। चुनाव आयोग ने पूरे देश के मतदाता सूचियों की जांच करनी शुरू की और इस कार्य को बिहार से शुरू किया। जब हमारे विपक्षी दलों को ऐसा दिखने लगा कि इस जांच पड़ताल से तो मरे हुए मतदाता भी अलग हो जाएंगे जो मतदाता स्थानीय नहीं है स्थाई रूप से बाहर रहने लग गए उनके भी नाम कट जाएंगे और विशेष करके विदेशी मुसलमान के सामने तो बहुत बड़ा संकट पैदा हो जाएगा तो ऐसी स्थिति में विपक्ष ने अपनी भाषा बदलकर सारी ताकत लगा दी कि जांच पड़ताल बंद हो जाए क्योंकि अगर विदेशी मुसलमान बाहर चले गए तो फिर इनके मतों की संख्या तो बहुत घट जाएगी क्योंकि यह विदेशी मुसलमान सिर्फ मतदाता ही नहीं थे बल्कि विपक्ष के प्रचारक भी थे। यह धीरे-धीरे भारत में मुसलमान की संख्या भी बढ़ा रहे थे और इस तरह विपक्ष के कई उद्देश्य पूरे हो रहे थे। अभी विपक्ष ने कितना हल्ला मचाया कि करोड़ मतदाता अलग कर दिए जाएंगे और सारा लोकतंत्र फेल हो जाएगा। लेकिन कल जब चुनाव आयोग में अंतिम आंकड़े जारी किए तो विपक्ष का मुंह बंद हो गया। अब विपक्ष को एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए की चुनाव आयोग ने जो जांच पड़ताल की है उस जांच पर किसी एक क्षेत्र में कितने वास्तविक मतदाता मतदान से वंचित हुए उनके नाम प्रचारित करें पूरे बिहार से नहीं किसी एक ब्लॉक से एक क्षेत्र विशेष से ऐसे नाम प्रचारित करें और हम मीडिया के लोग उस क्षेत्र में जाकर जांच करें कि क्या वे वास्तव में मतदाता होने लायक है। यदि ऐसे मतदाताओं की संख्या उसे क्षेत्र के कुल मतदाताओं की संख्या की तुलना में एक प्रतिशत भी निकलेगी तो हम इस मुद्दे पर विपक्ष को गंभीर मानेंगे अन्यथा विपक्ष नाटक बाजी बंद करें। मैं समझता हूं कि विपक्ष की पोल खुल गई है नकली मतदाताओं के बल पर अगर विपक्ष इस प्रकार का चुनाव जीतना चाहता है तो विपक्ष बहुत गलत है दुर्भाग्य है कि जब यह पोल खुली और यह पता चल गया की कुल मिलाकर एक प्रतिशत लोगों के ही नाम कट रहे हैं तब विपक्ष ने यह शुरू कर दिया है कि हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे अच्छा हो कि विपक्ष समुद्र में डूब कर अपने प्राण देने की धमकी दे दे जिससे भारत इस्लामी करण से सुरक्षित हो जाए। यदि विपक्ष समुद्र में डूब गया तो मुसलमान भी बिल्कुल ठीक-ठाक चलने लग जाएगा और लोकतंत्र भी सुरक्षित रह जाएगा।